पूरे चाँद की आधी रात
पिघलता मन ,सुलगते एहसास ,तेरो आंखो की बिल्लोरी चमक ,मेरे कंगन की जादुई खनक ,उफ़्फ़ ...उफ़्फ़ यह पूरे चाँद की आधी रात , धुत्त लम्हे ,
मौन जज़्बात ,
तेरे आगोश मे पिघलती मै,
मेरी खुशबू से गमकते तुम ,
उफ़्फ़ - उफ़्फ़ यह पूरे चाँद की आधी रात