Friday, October 19, 2012

नई शुरुआत ,

मै नहीं तो और कौन करेगा फिक्र ?

मै नहीं तो कौन रखेगा ध्यान ?

यही सोच खटती रही ,

हर किसी की खुशी की खातिर ,

अपने को परे करती रही ,

पर फिर भी किसी को खुश कर न पाई ,

एक की सुनी तो दूजे ने आँख दिखाई ,

इसी उलझन मे दिन- रात निरत रही ...

सुनती हूँ यही बार - बार ,

मत कर इतना प्रयास ,

हर किसी की अपनी जिंदगी ,

करने दे , चलने दे जैसी है,

क्यों लेती अपने सिर बिनबात... 

कहना है आसान पर करना मुश्किल ,

करूँ लाख कोशिश ,जब हूँ जुड़ी सबसे ,

कैसे एकदम हो जाऊँ अलग ?

तू अपने प्रति भी है उत्तरदायी,

नहीं बदल सकती हर किसीका नज़रिया ,

तो बदल अपना अंदाज़ ॥ 

कर कुछ एसा जो हो तेरी मनमरज़ी का ,

एक पल तो तू दे अपने को ,

अब तक खोज रही सब मै अपने को ,

अब कर नई शुरुआत ,

खुद से खुद तक ...............

6 comments:

  1. तो बदल अपना अंदाज़ ॥

    कर कुछ एसा जो हो तेरी मनमरज़ी का ,

    wah the best one...
    bahut hi umda post read karne ko mili.

    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html

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  2. पर फिर भी किसी को खुश कर न पाई ,

    एक की सुनी तो दूजे ने आँख दिखाई ,

    ...
    .एक पल तो तू दे अपने को ,

    अब तक खोज रही सब मै अपने को ,

    अब कर नई शुरुआत ,

    खुद से खुद तक ............... bahut badhiya :)

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  3. एक पल तो तू दे अपने को ,
    अब तक खोज रही सब मै अपने को ,
    अब कर नई शुरुआत ,
    खुद से खुद तक ........भावपूर्ण अभिव्यक्ति,,,,

    RECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम

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  4. एक पल तो तू दे अपने को ,

    अब तक खोज रही सब मै अपने को ,

    अब कर नई शुरुआत ,

    खुद से खुद तक ......

    अंतर्मन को छूती भावों की माला

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  5. अनुभूति के आकाश पर अंतर्मन कि उड़ान और आसमान को छूता आपका कलाम है ,
    सुन्दर भाव अपने प्रति सकारात्मक सोच ,बधाई सुन्दर अभिव्यक्ति हेतु |

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  6. बहुत सुन्दर.....कोई भी सभी को खुश नहीं रख सकता तो आसन है खुद को ही खुश रखा जाये ।

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