Wednesday, September 7, 2011

एक बार फिर ....

एक बार फिर ....
फिर दहली धमाकों से दिल्ली ,
फिर लग गया रेड अर्लट सडकों पर ,
फिर मारी गई मासूम जनता बिचारी |
हो रही सत्ता के गलियारों में ,
आरोपों - प्रत्यारोपों की बौछार |
आखिर ऐसा क्यों होता है बार -बार ,
इतने बड़े शक्तिशाली तंत्र की ,
हर बार उड़ जाती हैं धजिय्याँ |
अपनी ही परछाई से सहमा है जन ,
डरी-डरी सूरतें ,हर आंख  हैं नम |
एक बार फिर कायर माँ को रौंद गए ,
हमारे सयंम को झंकार गए |
कब तक आखिर --- कब तक ...
बंद  करो यह मरने - मारने का व्यापार..
बंद करो यह अत्याचार ..बंद करो ....अब बस बंद करो .......