Tuesday, April 19, 2011

tum kya jano ?

हैरान ही कर दिया था ,
मैने अपनेआप को ..
जब हम थोड़ा करीब आए थे |
तुम्हारी वो गुलाबी मुस्कान ,
एक युग सा समेटे उस पल में ..
मुझे ताकती वो मद निगाहें ,
बाहुपाश मे बेल सी लिपटी में ..
बादल बन भिगो गए तुम |
बड़ी हिम्मत से तय किये मैने,
ये चन्द कदम करीबी के ..
तुम क्या जानो ......!!