anubuthi
Saturday, April 16, 2011
sapne
सपने सभी देखते हैं ,
कुछ सुबह होते ही ....
ओस की बूंद से पल में ....
आँखों से धुल जाते हैं |
कुछ कोरों मे अटके ....
किरकिरी सी बन.....
पूरा दिन सताते हैं |
कुछ जुगनू की तरह ...
हरदम टिमटिमाते हैं ...
हौले - हौले से गुदगुदाते हैं |
Sunday, April 10, 2011
jai ho
बड़े जब कुछ कदम एक साथ ,
झुक गया न्यायकर्ताओं का परचम
वह उठा , जगा , बड़ा था अकेले ही ,
जुड़ गया पूरा देश देखते ही देखते
जय हो - जय हो - जय -अन्ना हजारे,
चले जब सब साथ तो , तुम जीते , वो हारे....!!
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