Wednesday, April 6, 2011

जीवन की गंध

नैनों की हलकी आंच में ,
सजाए हैं सब्ज सपने ....
होठों की मस्त धुन ने ,
गुनगुनाये हैं नए नगमे ....
मन के नर्म आंगन में ,
उगाये हैं कुछ पल अपने ....
सींचती , सवांरती , सहेजती ,
बिखरी , बहती , जीवन की गंध ........!!