जिंदगी का कैनवस
अपनी जिन्दगी का कैनवस ,
खुद रंगा है |
एक - एक रंग बड़ी हिफाज़त ,
से चुना है |
कई रंग आपस में अच्छी तरह ,
घुलमिल जाते हैं |
कुछ रंग एकाकार हो कर ,
नया रंग दे जाते हैं |
कई रंग लगते ही आपस में ,
जँच नहीं पाते हैं |
कुछ रंगों की कमी अक्सर ,
खल जाती है |
कुछ रंग अन्य सभी रंगों पर ,
हावी हो जाते हैं |
कुछ रंग कितनी ब़ार भी लगाओ ,
खिल नहीं पाते हैं |
कुछ रंग उधार लेकर भी मैनें ,
कभी - कभी लगाये हैं |
कुछ रंग प्यार से लगाकर ,
फिर मिटाए हैं |
कुछ रंग कितना भी चाह कर ,
भी नहीं लगाये हैं |
कुछ रंग गलती से अनजाने में ,
जल्दी में सजाए हैं |
कई ब़ार तो कैनवस मैंने ,
अधुरा भी छोड़ा है |
कई ब़ार रातों को उठ - उठ कर ,
रंगों को बिखेरा है |
अपनी जिंदगी का कैनवस मैनें खुद रंगा है ..........|