तुम न समझे
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ..............|
मेरे सतरंगी ख्वाबों की हकीकत हो तुम ,
मेरे लरजते होठों की इबादत हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ...............|
मेरी झिलमिलाती कल्पना की सच्चाई हो तुम ,
मेरी अनकही कविता की गहराई हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ................|
मेरी हर करवट की सरसराहट हो तुम ,
मेरी अधसोई रात की खुमारी हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ................|
मेरी अलसाई सुबह की अंगड़ाई हो तुम ,
मेरी बौराई शाम की मदहोशी हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ....................|
मेरी मदमस्त पलकों की शबनम हो तुम ,
मेरे गुम हुए दिल की धड़कन हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ....................|
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ..............|
मेरे सतरंगी ख्वाबों की हकीकत हो तुम ,
मेरे लरजते होठों की इबादत हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ...............|
मेरी झिलमिलाती कल्पना की सच्चाई हो तुम ,
मेरी अनकही कविता की गहराई हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ................|
मेरी हर करवट की सरसराहट हो तुम ,
मेरी अधसोई रात की खुमारी हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ................|
मेरी अलसाई सुबह की अंगड़ाई हो तुम ,
मेरी बौराई शाम की मदहोशी हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ....................|
मेरी मदमस्त पलकों की शबनम हो तुम ,
मेरे गुम हुए दिल की धड़कन हो तुम ,
तुम कभी न समझे ,
कैसे छू गए हो ,
तुम मुझे ....................|