Wednesday, September 22, 2010

maa ne kaha thaa

माँ ने कहा था
माँ ने हमेशा कहा ...
नज़रे नीची ,
सर झुका ,
विनम्र हमेशा ,
जुबान पर ताला,
सवाल का जवाब नहीं ,
सामंजस्य बनाये रखना |
अपनी नहीं , दूसरों की सुनना ,
हर बात ध्यान से सुन  ,
उस पर अमल करना |

माँ तेरी कोई नसीहत काम नहीं आई .....
जो जितना झुकता है ,
उतना ही झुकया जाता है |
खमोशी को अकड़ समझा जाता है |
हर रोज़ नया फिकरा कसा जाता है |
दूसरों की सुनते - सुनते ,
तेरी लाली अपने को भूल गयी |
तालमेल के इस बंधन में ,
त्रिशंकू सी झूल गयी |

काश ! तूने कहा होता ....
अपनी अस्मिता और पहचान न खोना ,
कमज़ोर नहीं है तू , एक इन्सान है,
तेरी भी अपनी ज़रूरत और माँग  है |

तेरी नसीहत की पट्टी अब भी गुनगुनाती हूँ ,
शब्दों को अदल - बदल कर ,
अपनी बिटिया को सुनाती हूँ ,
ऐसे कर्म करना , तुम्हारा हो नाम  ,
तू मात्र कठपुतली नहीं , न ही है घर का सामान,
रिश्ते बनाना , निभाना पर ढोना नहीं ,
 एक ही जीवन है मजबूरी में बिताना नहीं .............

इति

Tuesday, September 21, 2010

kuch teraa- kuch meraa

मन के उजियारे पन्ने पर , यादों की स्याही में डुबो ,
दिल की कलम से , नाम लिखा कई ब़ार ,
प्रिय कभी तेरा , कभी मेरा |

उगते सूरज की पहली किरण , ढलते चाँद की शीतलता ,
हर लम्हा हम हो साथ सनम , खिल जाये दिल का कोना - कोना ,
प्रिय कभी तेरा , कभी मेरा |

सोती - जगती इन आँखों ने कुछ ख्वाब बुने ,
पेड़ो की छांव तले , चरमराते पत्तों के बीच,चले थामे एक -दूजे का हाथ ,
प्रिय कभी तेरा , कभी मेरा |

तारों भरी  रात , जुगनुओं की बारात ,
चटकती चांदनी में हो मिलन की बरसात ,संग हमारे  हवा भी गुनगुनाये    गीत ,
प्रिय कभी तेरा , कभी मेरा |

अनजानी - अन्चिह्नी  राहों पर ,
यूँ ही बस चलते चले जाये ,हवा , पत्ते , बादल बस एक नाम पुकारे ,
प्रिय कभी तेरा , कभी मेरा |

Monday, September 20, 2010

unchii dukaan Fikaa pakwan

एक था कल्लू , उसका था कोल्हू |
एक था भेरों, उसका था ठेला |
एक थी चंदा , उसका था भाड़ |
एक था राधे , उसका था पान भंडार |
ये सब बस नाम नहीं , पहचान थे |
अपने फन में माहिर , उस बाज़ार की शान थे |
टूट गया कोल्हू , छूट गया ठेला |
फूट गया भाड़ , गिर गया भंडार |
अब है यहाँ एक शानदार मॉल |
चमचमाता फर्श , जगमाती रोशनी |
टिमटिमाते बल्ब , नकली हँसी |
छुरी- कांटे , थेयेटर, कारों की कतार |
उंची दुकान, फीका पकवान ..........