Sunday, November 28, 2010

bhybheet

सतह पर काई सी तैरती ,
डूबने से आतंकित ,
बहने दो बहने दो .........
मन में मंद मुस्काती ,
हंसने से भयभीत ,
जीने दो जीने दो ........
हवा में फाये से फरफराती ,
गिरने से त्रासित,
उड़ने दो उड़ने दो .............
गगन में बूंद सी थरथराती ,
गिरने को बेकाबू ,
बरसने दो बरसने दो ..............

No comments:

Post a Comment